Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

इस शुक्र को शनि का दिन

आगामी 22 मई का दिन ज्योतिष एवं धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन ज्येष्ठ अमावस, भावुका अमावस, वट सावित्री व्रत और शनि जयंती है। ज्येष्ठ भावुका अमावस को श्री गंगा आदि तीर्थों पर स्नान, दान, जप, पितृपूजन, ब्राह्मण भोजन का विशेष महत्व माना गया है।
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

मदन गुप्ता सपाटू
आगामी 22 मई का दिन ज्योतिष एवं धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन ज्येष्ठ अमावस, भावुका अमावस, वट सावित्री व्रत और शनि जयंती है। ज्येष्ठ भावुका अमावस को श्री गंगा आदि तीर्थों पर स्नान, दान, जप, पितृपूजन, ब्राह्मण भोजन का विशेष महत्व माना गया है। वहीं, वट सावित्री व्रत में महिलाएं, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से अमावस तक वट वृक्ष का पूजन करके 3 दिवसीय व्रतानुष्ठान करती हैं। यह व्रत दोषों के निराकरण, पुत्र व पति का सुख, सुरक्षा और सौभाग्य देने वाला माना जाता है। बरगद का पेड़ चिरायु होता है, इसे दीर्घायु का प्रतीक मानकर, परिवार के लिए इसकी पूजा की जाती है।
शनि जयंती भी ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। हिंदू धर्म में शनि देवता भी हैं और नवग्रहों में प्रमुख ग्रह भी। शनिदेव को सूर्य का पुत्र माना जाता है। मान्यता है कि ज्येष्ठ माह की अमावस्या को ही सूर्यदेव एवं छाया (संवर्णा) की संतान के रूप में शनि का जन्म हुआ। इस दिन शनिदेव की पूजा विशेष फलदायक मानी गयी है। प्रचलित धारणाओं के अनुसार शनि को क्रूर ग्रहों में गिना जाता है और अशुभ फल देने वाला माना जाता है, लेकिन असल में ऐसा है नहीं। शनि न्याय करने वाले देवता हैं और कर्म के अनुसार फल देने वाले कर्मफलदाता हैं। वे बुरे कर्म की सजा देते हैं और अच्छे कर्म करने वालों को सुखद परिणाम देते हैं। शनि को दंडाधिकारी कहा जाता है, न्यायप्रिय माना जाता है।
करें पूजा और दान : शनि जयंती के दिन विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नमः॥ अथवा ॐ शं शनैश्चराय नमः। इस मंत्र का जप कम से कम एक माला जरूर करना चाहिए। पूजा के बाद सामर्थ्यानुसार दान देना चाहिए। काला कपड़ा, काली उड़द दाल, छाता, जूता, लोहे की वस्तु का दान कर सकते हैं। गरीब व निःशक्त लोगों को भोजन कराना चाहिए। शनि को प्रसन्न करने के लिए माता-पिता, विकलांग व वृद्ध व्यक्ति की सेवा और आदर-सम्मान करना चाहिए। हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए। दशरथ कृत शनि स्तोत्र का नियमित पाठ करें। भिखारी, निर्बल-दुर्बल या अशक्त व्यक्ति को देखकर कभी मजाक न उड़ायें। शनिवार के दिन छाया पात्र (तिल व सरसों का तेल एक कटोरी में लेकर उसमें अपना मुंह देखकर शनि मंदिर में रखना) शनि मंदिर में अर्पण करना चाहिए।
पीपल की जड़ में केसर, चंदन, चावल, फूल मिला जल अर्पित करें। मांस, शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
शनि देव की पूजा से मानसिक संताप दूर होता है। घर-गृहस्थी में शांति बनी रहती है। आर्थिक समृद्धि के रास्ते खुलते हैं। रुके हुए काम पूरे होते हैं। स्वास्थ्य संबंधी समस्या धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है।
क्या न करें : शनि जयंती के दिन चांदी के आभूषण, मोती, तांबे के बर्तन, कैंची, लाल व सफेद रंग के कपड़े, चमेली का इत्र खरीदकर किसी को दान या उपहार के रूप में नहीं देना चाहिये। किसी दूसरे के जूते-चप्पल नहीं पहनने चाहिए। किसी को बिना वजह परेशान न करें और अपना काम बनाने के लिए झूठ का सहारा न लें।
29 सितंबर तक वक्री चाल
शनि ग्रह 11 मई से 29 सितंबर तक मकर राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेगा। इसका सभी 12 राशियों पर विशेष असर होगा। यह जरूरी नहीं कि शनि की यह चाल आपको परेशान ही करे, यदि आपकी कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में है, तो यह वक्री चाल आपको कष्ट नहीं देगी। बहरहाल, राशियों पर कुछ ऐसा रहेगा प्रभाव…
मेष : मेहनत और संघर्ष बढ़ जाएगा। नये काम में रुकावट आ सकती है और जिस लाभ की आशा कर रहे थे वह भी समय से नहीं मिल पाएगा। घर से जुड़े किसी कार्य में खर्च हो सकता है।
उपाय : दशरथ कृत नील शनि स्तोत्र का पाठ करने के अलावा शनिवार
को शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक रखें।
वृषभ : शनि का भाग्य स्थान में गोचर होने से पिता के साथ कुछ मतभेद हो सकता है। उनकी सेहत का ध्यान रखना चाहिए। कार्य-स्थल में मेहनत अधिक होने के बाद लाभ के आसार कम नजर आ रहे हैं। सब्र और धैर्य से ही काम करें तो बेहतर रहेगा।
उपाय : शनि मंत्र का जाप करें।
मिथुन : अष्टम भाव में शनि का प्रभाव होने से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। आर्थिक स्थिति कुछ कमजोर रह सकती है। कभी-कभी भ्रमित-सा महसूस कर सकते हैं। महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय भ्रम हो तो किसी वरिष्ठ की सलाह लें या कुछ समय के लिए टाल दें।
उपाय : शनिवार या शनि प्रदोष का व्रत रखें। शनिवार के दिन काले कपड़े पहनने से बचें।
कर्क : किसी महिला मित्र की वजह से फायदा होगा। आलस को अपने से दूर ही रखें क्योंकि आलसी लोगों को शनि शुभ फल नहीं देते। स्वास्थ्य पर ध्यान दें, बीमारी परेशान कर सकती है। किसी से वाद-विवाद भी हो सकता है, सावधान रहने की जरूरत है।
उपाय : हर शनिवार सरसों का तेल किसी लोहे या मिट्टी के बर्तन में भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर छाया पात्र दान करें।
सिंह : जमीन में निवेश करने की सोच रहे हैं तो बहुत ही सोच-समझ कर करें। किसी अच्छे पद की चाहत में जल्दबाजी न करें। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं आ सकती हैं। किसी पुरानी बीमारी की वजह से मानसिक तनाव बना रहेगा।
उपाय : शनिवार के दिन साबुत काली उड़द का दान करने के अलावा पीपल के वृक्ष के नीचे तिल के तेल का दीपक शाम को जलाएं।
कन्या : रुकी हुई शिक्षा को दोबारा शुरू कर सकते हैं या किसी शोध कार्य से जुड़ सकते हैं। शनि की स्थिति आपकी सोच को गंभीर बनाएगी। वाहन और घर से जुड़े खर्च के लिए साल के मध्य का समय बेहतर नहीं है।
उपाय : शनि प्रदोष का व्रत रखें।
तुला : व्यापार में शनि नये अवसर देगा, लेकिन किसी तरह का अहं आपके लिए नुकसान का कारण भी बन सकता है। किसी के कहने से कोई बड़ा निवेश न करें और न ही वर्ष के मध्य में भूमि में निवेश के बारे में सोचें। माता से भी किसी तरह का मतभेद बना रहेगा। इस वजह से मानसिक रूप से भी कष्ट का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय : किसी जानकार की सलाह पर रत्न धारण करें।
वृश्चिक : कोई नया काम करने की सोच रहे हैं तो यह समय बेहतर रहेगा। आर्थिक स्थिति सामान्य बनी रहेगी। माता से किसी बात को लेकर वाद-विवाद हो सकता है। किसी मित्र की सहायता से आपके रुके काम बनने लगेंगे, लेकिन उसी मित्र के साथ किसी नये काम की शुरुआत न करें।
उपाय : शनिवार के दिन चींटियों को आटा डालें।
धनु : कोई भी नया कार्य पूरी तरह से ध्यान लगा कर ही शुरू करें। साढ़ेसाती का आखिरी चरण होने से शनि जाते-जाते आपको सोने की तरह तपाकर उजला बना देगा। आपका कोई काम नहीं रुकेगा। जमीन से जुड़ा कोई फायदा मिल सकता है।
उपाय : शनिवार के दिन काले कपड़े या काले धागे में धतूरे की जड़ धारण करें।
मकर : मानसिक परेशानी बनी रहेगी पर शनि इससे लड़ने की प्रेरणा भी देंगे। इस गोचर से आपकी निर्णय शक्ति में संतुलन और गहराई आएगी। अपनी नयी मंजिल मिलेगी। आर्थिक स्थिति में लाभ बना रहेगा।
उपाय : शनिदेव की आराधना करें।
कुंभ : संघर्ष व मेहनत बढ़ जाएगी। आपके अपने दूर जा सकते हैं और कुछ ऐसे रिश्ते करीब आएंगे, जिनके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं था। नौकरी बदलने के लिए समय बेहतर नहीं है।
उपाय : शनि देव के बीज मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ का जाप करें।
मीन : आलस को हावी न होने दें, नहीं तो महत्वपूर्ण अवसरों से वंचित रह सकते हैं। व्यापार से जुड़े नये अवसर आएंगे और आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। आप कुछ नया कर दिखाओगे।
उपाय : शनिवार के दिन शुभ शनि यंत्र की पूजा करें।
(राशिफल चंद्र राशि के अनुसार)

Advertisement
Advertisement
×